India China Border News :हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद, 43 चीनी सैनिक भी मारे गए व घायल हुए
नई दिल्ली: गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जो हिंसक झड़प हुई है उसमें सूत्रों के मुताबिक भारत के करीब 20 सैनिक शहीद हो गए हैं और चीन को भी करीब-करीब इतना ही नुकसान हुआ है. भारत के जो सैनिक शहीद हुए हैं उनमें एक कर्नल रैंक का अधिकारी भी शामिल है. चीन के भी करीब इतने ही सैनिक मारे गए हैं उनमें चीन का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक चीन की तरफ से 43 जवान हताहत हुए हैं. हताहतों में मरने वाले और गंभीर रूप से घायलों की संख्या शामिल हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से ये भी कहा है कि चीन की तरफ से हताहतों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ की बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया है, उसी आधार पर ये दावा किया जा रहा है.
भारतीय सेना ने भी आधिकारिक बयान जारी कर पुष्टि की है कि भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं. जबकि इससे पहले ये खबरें आई थीं कि एक अफसर समेत तीन जवान शहीद हुए हैं. सेना का कहना है कि 17 गंभीर रूप से घायल सैनिक भी शहीद हुए. इसके साथ ही सेना ने ये भी कहा कि भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना प्रतिबद्ध है.
मामले को लेकर PM नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार देर शाम गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. मामले को लेकर दिन भर उच्च स्तरीय बैठक का दौर जारी रहा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सैन्य प्रमुखों और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत से मुलाकात के बाद पीएम मोदी को मामले की जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें की.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के तीन कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है. पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है. भारतीय सेना ने कहा है कि चीन को भी नुकसान हुआ है.
सूत्रों ने बताया कि सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की. इसमें पूर्वी लद्दाख में जमीनी हालात की व्यापक समीक्षा की गई. किसी भी हालात से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया. यह पता चला है कि सरकार ने पूर्वी लद्दाख में पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भारत की सैन्य क्षमता को आगे और मजबूत करने का फैसला किया है. सूत्रों ने बताया कि तकरीबन एक घंटे चली बैठक के बाद सिंह ने समग्र हालात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया.
रक्षा मंत्री ने दोपहर में विदेश मंत्री जयशंकर, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ एक और बैठक की. सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने सोमवार रात गलवान घाटी में हुई घटना के बारे में विस्तार से रक्षा मंत्री को अवगत कराया.