दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का होगा कोविड-19 टेस्‍ट, बुखार और गले में खराश की शिकायत

Ballia Desk
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दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का होगा कोविड-19 टेस्‍ट, बुखार और गले में खराश की शिकायत

नई दिल्‍ली-
 दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है। सीएम केजरीवाल रविवार से बुखार और गले में खराश की शिकायत बता रहे हैं। कोरोना के लक्षण जैसी शिकायत के कारण अब उनको कोरोना टेस्ट करवाना होगा। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को केजरीवाल का कोरोना टेस्‍ट होगा। इधर एहतियात के कारण सीएम की कल दोपहर से सारी मीटिंग कैंसिल कर दी गई है। वहीं, सीएम केजरीवाल ने खुद को आइसोलेट कर लिया है।
कोरोना के लक्षण में बुखार आना और गले में खराश की शिकायत सबसे पहले लक्षणों में एक है। यही लक्षण केजरीवाल में अभी फिलहाल शुरुआती तौर पर दिख रहे हैं। हालांकि, बीमारी के लक्षण के बाद खुद उन्‍होंने अपने को आइसोलेट कर लिया है। अब कोरोना टेस्‍ट के बाद ही पता चल पाएगा कि यह सामान्‍य बुखार है या कोरोना से जुड़ा है। फिलहाल डॉक्‍टरों की एक टीम उनके स्‍वास्‍थ्‍य का ख्‍याल रख रही है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को कल से थोड़ा बुखार और गले में दर्द है। कल दोपहर से उन्होंने अपने आपको आइसोलेट कर रखा है। डॉक्टर ने सलाह दी है कि कल उनका कोरोना टेस्ट होगा।हम सब ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे सकुशल रहें और जल्दी से स्वस्थ होकर वापस काम पर लौटेंं।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल की तबीयत पर कहा कि उन्‍हें सात जून से कुछ परेशानी हो रही है। डॉक्‍टरों की सलाह पर वे खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिए हैं। प्रभु जल्‍द-से-जल्‍द उन्‍हें स्‍वस्‍थ करे, यह प्रार्थना है मेरी।   

भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि मैंने हनुमान जी से केजरीवाल जी को स्वस्थ रखने की प्रार्थना की हैै। वो स्वस्थ रहें और दिल्ली को स्वस्थ रखने में अपनी जो भूमिका है उसका निर्वाह करें। दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज' इस तरह इंसानियत को शर्मसार करने वाला निर्णय दिल्ली को नहीं लेना चाहिए था'

कुछ दिनों से चल रहा सीमा विवाद

बता दें कि कोरोना और सीमा विवाद को लेकर पिछले कुछ दिनों से केजरीवाल सुर्खियों में हैं। दिल्‍ली के बॉर्डर खोलने और कोरोना के बेड को लेकर हो उठ रहे विवाद के बाद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा फैसला लिया था, जिसमें यह कहा था कि बाहरी मरीजों का इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में अब सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा। केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाले अस्पतालों जैसे एम्स समेत अन्य में कोई भी मरीज इलाज करा सकता है। वहीं, सीमा विवाद पर यह तय हुआ था कि दिल्‍ली की सीमा अब हर किसी के लिए खुली रहेगी यह बंद नहीं होगी।

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