ज्ञानवापी विवाद: ASI अधिकारी को सेवा विस्तार, नियम उल्लंघन के आरोप, PMO में शिकायत

Ballia Desk
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ज्ञानवापी 


ज्ञानवापी विवाद: एएसआई अधिकारी को सेवा विस्तार, नियम उल्लंघन के आरोप, पीएमओ में शिकायत

वाराणसी स्थित विवादित ज्ञानवापी ढांचे का सर्वेक्षण करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वरिष्ठ अधिकारी आलोक त्रिपाठी को लगातार सेवा विस्तार दिए जाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। एएसआई के कई अधिकारी इस फैसले के खिलाफ हैं और उनका कहना है कि यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ है।

आलोक त्रिपाठी 31 अगस्त को 60 वर्ष की आयु पूरी कर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें तीसरी बार सेवा विस्तार दिया गया है। ताज़ा आदेश के अनुसार, उन्हें अपर महानिदेशक (अनुसंधान एवं प्रशिक्षण-क्षमता निर्माण) का प्रभार सौंपा गया है।

अधिकारियों का आरोप है कि इस स्तर के अधिकारी को विस्तार केवल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ही दे सकती है। लेकिन विभाग ने बिना मंजूरी के आदेश जारी कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, इस पद पर 56 वर्ष तक के अधिकारी ही नियुक्त हो सकते हैं और सामान्यत: यूपीएससी विज्ञापन निकालकर चयन प्रक्रिया पूरी करती है। पहली बार ऐसा हुआ है कि बिना प्रक्रिया अपनाए किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को सीधे जिम्मेदारी सौंपी गई हो।

सूत्र बताते हैं कि त्रिपाठी को पहले पाँच साल के कार्यकाल के बाद दो बार तीन-तीन महीने का विस्तार मिल चुका है। अब उन्हें फिर से तीन महीने का विस्तार मिला है। इस पर एएसआई के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने गंभीर आपत्ति जताई है और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को शिकायत भेजी है।

आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले एएसआई निदेशक राजेंद्र कुमार खिंची का कहना है कि उन्होंने फाइल के आधार पर यह आदेश दिया। हालांकि कई अधिकारियों का मानना है कि यह आदेश वैध नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार के नियमों के तहत इस स्तर के अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता।

एएसआई प्रवक्ता नंदिनी भट्टाचार्य ने भी माना कि आलोक त्रिपाठी को अप्रैल से अगस्त तक सेवा विस्तार दिया गया था और अब 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर तीन महीने का और विस्तार दिया गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि तीनों विस्तारों की एसीसी मंजूरी अभी लंबित है।

इस पूरे मामले ने एएसआई के भीतर असंतोष पैदा कर दिया है और अब यह विवाद सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँच गया है।


--- बलिया डेस्क


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