
नगरा (बलिया) : कोरोना महामारी से बचाव को लेकर आधा दर्जन स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्क का भुगतान उपायुक्त श्रम एवं रोजगार, ज्वांइट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग के निर्देश के बाद भी अब तक 80 ग्राम पंचायतों ने नहीं किया है। इससे समूह से जुड़ी महिलाओं के समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। मास्क के धन का भुगतान 14वें वित्त के प्रशासनिक मद से होना है। भुगतान के लिए कई बार उपायुक्त श्रम एवं रोजगार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग निर्देश भी दे चुकी हैं। इसके बाद भी मास्क का भुगतान नहीं हो पा रहा है। सच तो यह है कि इस भुगतान को लेकर कोई भी जिम्मेदार संवेदनशील नहीं है। शासन के निर्देश पर हर ग्राम पंचायतों को स्वयं सहायता समूहों से पांच पांच सौ मास्क खरीदना था। प्रति मास्क 13.60 रुपए की दर से 14वें वित्त की धनराशि से भुगतान स्वयं सहायता समूहों को करना था। ब्लाक के 94 ग्राम पंचायतों में से 89 ग्राम पंचायतों ने मास्क खरीदा जबकि 5 ग्राम पंचायतों ने स्वयं सहायता समूहों से मास्क नहीं खरीदा। 89 ग्राम पंचायतों में से 9 ग्राम पंचायतों ने भुगतान तो कर दिया कितु 80 ग्राम पंचायतों ने अभी तक धनराशि का भुगतान नहीं किया है। एडीओ आइएसबी की माने तो 80 ग्राम पंचायतों पर मास्क का 1.56 लाख रुपए बाकी है। डीपीआरओ शशिकांत पांडेय ने भी प्राथमिकता के आधार पर मास्क का भुगतान करने का निर्देश दिया था इसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ। हालांकि भुगतान हेतु एडीओ आइएसबी प्रमोद कुमार पांडेय ने सचिवों से अनेक बार पत्राचार किया है कितु नतीजा सिफर रहा है। बुधवार को ड्वाकरा में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में भी मास्क के भुगतान का मामला छाया रहा। एडीओ आइएसबी ने चेताया है कि यदि अति शीघ्र मास्क का भुगतान नही हुआ तो श्रमायुक्त के संज्ञान में पुन: इस प्रकरण को लाया जाएगा।