सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की अब खैर नहीं

Ballia Desk
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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) अब अपने अंतिम दिन गिन ले। सीएम योगी के राज मे जिस तरह अपराधियों का सफाया हो रहा है उसे देखते हुए हम जल्द उसके मुठभेड़ में मारे जाने की खबर सुनेगे।

विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है। बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था। पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा। 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी विकास कई बार गिरफ्तार हुआ। एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था।

कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव के निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है। इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है। जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी।

यही नहीं पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। 2001 में विकास दुबे ने बीजेपी सरकार में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया।

इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था। जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था. हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी।

लखनऊ में एसटीफ ने पकड़ा था

विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था। शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था। कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है।

गौरतलब है कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर विकास दुबे के साथी बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इसमें बिल्‍हौर के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद (Martyr) हो गए। एसओ बिठूर समेत 6 पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल हैं। सभी घायल पुलिसकर्मियों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।

दहला देने वाली इस घटना पर उत्‍तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्‍थी ने कहा कि हमलावर बदमाशों की तलाश में एसटीएफ को लगाया गया है। एसटीएफ के आईजी भी मौके पर पहुंच रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि हस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्‍या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज था। पुलिस इसी सिलसिले में उसे पकड़ने गई थी। बदमाशों ने मार्ग पर जीसीबी रख दी थी, जिससे मार्ग बाधित हो गया था। पुलिस टीम के वहां रुकते ही ऊंचाई से उनपर फायरिंग शुरू कर दी गई, जिसमें 8 पुलिसवाले मारे गए. डीजीपी ने 7 जवानों के घायल होने की बात भी कही है।

इस मुठभेड़ के बाद यूपी का पुलिस महकमा सकते में है। एनकाउंटर में बड़ी संख्‍या में पुलिसवालों के मारे जाने के बाद सीएम योगी ने बदमाशों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है। वहीं, DGP एचसी अवस्‍थी खुद घटनास्‍थल पर जाएंगे। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार मौके के लिए रवाना हो चुके हैं।


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