वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के दौर में भी उत्तर प्रदेश ने आपदा में अवसर तलाश लिया है। बड़ी संख्या में लौटे अप्रवासी कामगार व श्रमिकों की स्किल टेस्टिंग के बाद अब उनको रोजगार देने की तैयारी है। पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार देने की शुरुआत करेंगे। इसको अंजाम तक लाने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम-11 के साथ बैठक में इसकी तैयारी को परखा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में टीम-11 के साथ बैठक में पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारी को परखा। प्रदेश में शुक्रवार को कामगार व श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। कल सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम की हर तैयारी को टीम योगी आदित्यनाथ ने आज अपनी टीम के साथ परखा। सीएम योगी आदित्यनाथ इस उपलब्धि को उदाहरण के तौर पर देश के सामने लाना चाहते हैं, इसलिए 26 जून को मेगा शो आयोजित किया जा रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में टीम-11 के साथ बैठक में पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारी को परखा। प्रदेश में शुक्रवार को कामगार व श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। कल सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम की हर तैयारी को टीम योगी आदित्यनाथ ने आज अपनी टीम के साथ परखा। सीएम योगी आदित्यनाथ इस उपलब्धि को उदाहरण के तौर पर देश के सामने लाना चाहते हैं, इसलिए 26 जून को मेगा शो आयोजित किया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच लॉकडाउन के बाद यह देश का सबसे बड़ा रोजगार देने वाला कार्यक्रम है। प्रदेश में ही प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत कल पीएम नरेंद्र मोदी यूपी के सवा करोड़ लोगों को रोजगार देने के कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी इस दौरान गोरखपुर व जालौन सहित छह जिलों के लाभाॢथयों से बात भी करेंगे। इनके साथ ही कुछ श्रमिक व कामगारों से भी वह संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में महिलाएं भी पीएम नरेंद्र मोदी से अपना अनुभव साझा करेंगी। लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा प्रवासी लौटे है। इनको सरकार ट्रेन के साथ बसों से वापस लाई है।
योगी आदित्यनाथ सरकार का फोकस वैसे तो सभी जिलों पर है, लेकिन 31 जिलों में श्रमिक व कामगार को रोजगार देने पर उनका खास ध्यान है। इस दौरान सर्वाधिक रोजगार निजी निर्माण कंपनियों की ओर से मिलेंगे। निजी निर्माण कंपनियों की ओर से एक लाख 25 हजार लोगों नियुक्ति पत्र मिलेंगे। कामगारों को प्रदेश की विभिन्न परियोजनाओं में काम मिलेगा। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 2.40 लाख इकाइयों को 5900 करोड़ का ऋण मिलेगा। प्रदेश सरकार 1.11 लाख नई इकाइयों को ऋण के रूप में 3266 करोड़ प्रदान करेगी। सरकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान और ओडीओपी योजना के तहत 5000 कामगारों को टूल किट भी प्रदान करेगी।
ग्राम विकास और पंचायती राज विभाग ने पूरी की तैयारी
दूसरे राज्यों से श्रमिक और कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ सरकार ने बड़ा संकल्प यह हाथ में लिया कि प्रदेश लौटे सभी लोगों को यहीं रोजगार दिया जाएगा। विपक्ष जहां रोजगार की स्थिति पर सवाल उठा रहा है, वहीं सरकार का दावा है कि एक करोड़ रोजगार के अवसर सृजित कर लिए गए हैं। उपलब्धि का मेगा शो कल होगा। इसके साथ ही सरकार अगले बड़े लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने जा रही है। सरकार ने दूसरे राज्यों से लौटे लोगों में से लगभग सभी यानी 36 लाख की स्किल मैपिंग कराई है। औद्योगिक संस्थाओं के साथ समझौता हुआ है, जिसके तहत उद्यमियों से संपर्क कर सर्वे भी किया गया है कि कहां पर कुशल-अकुशल श्रमिक-कामगारों की कितनी जरूरत है। अभी इस सर्वे की पूरी रिपोर्ट आना बाकी है, उससे पहले ही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं, निर्माण परियोजनाओं, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों व मनरेगा सहित अन्य सभी विभागों को लगाकर रोजगार की तलाश कराई गई। सरकार का दावा है कि इसके तहत एक करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो चुके हैं।
श्रमिक-कामगारों को ऋण भी दिलाएगा एमएसएमई विभाग
एमएसएमई विभाग अभी तक उद्यमियों को ऋण दिलाने में ही सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अब मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सरकार की योजनाओं में यदि श्रमिक-कामगार भी ऋण पाने के पात्र हों तो एमएसएमई विभाग बैंकों से समन्वय कर उन्हेंं ऋण दिलाए। सरकार का मानना है कि इससे स्वरोजगार और रोजगार, दोनों ही बढ़ेंगे।